Solar System in Hindi | सौरमण्डल के ग्रहों से जुड़ी पूरी जानकारी

Solar System in Hindi | सौरमण्डल के ग्रहों से जुड़ी पूरी जानकारी, नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक बार फिर हमारी Website Be RoBoCo में, आज एक बार हम फिर हाजिर हैं आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर जिसे हम Solar System in Hindi | सौरमण्डल के ग्रहों से जुड़ी पूरी जानकारी, के नाम से जानते हैं।

दोस्तो क्या आपने भी solar system Meaning In Hindi, solar system name in hindi, और solar system planets in hindi आदि के बारे में Search किया है और आपको निराशा हाथ लगी है ऐसे में आप बहुत सही जगह आ गए है, आइये solar system drawing in hindi, और solar system information in hindi ​आदि के बारे में बुनियादी बाते जानते है।

दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सौर प्रणाली यानी कि सोलर सिस्टम की खोज कॉपरनिकस ने की थीं और सोलर सिस्टम के अंतर्गत सूरज और सूरज के चारों ओर चक्कर लगाने वाले 8 ग्रहों को शामिल किया जाता है।

आज के इस लेख में हम इसी के बारे में विस्तार से जाने वाले है, तो लेख के अंत तक बने रहें, चलिए शुरू करते हैं।

Table of Contents

Solar System in Hindi | सौरमण्डल के ग्रहों से जुड़ी पूरी जानकारी

Solar System in Hindi | सौरमण्डल के ग्रहों से जुड़ी पूरी जानकारी, दोस्तो क्या आपने भी Solar System Meaning In Hindi, Solar System Name In Hindi


सौरमंडल क्या है (Solar System in Hindi)

सौर मंडल ग्रहों, चंद्रमाओं, क्षुद्रग्रहों और अन्य वस्तुओं का एक संग्रह है जो सूर्य नामक एक केंद्रीय तारे के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।

हम जिस सौर मंडल से संबंधित हैं, वह मिल्की वे आकाशगंगा में स्थित है और इसमें आठ ग्रह शामिल हैं: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून। ये ग्रह अलग-अलग दूरी और गति से अण्डाकार पथ (elliptical path) में सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।

आइए अब सोलर सिस्टम का केंद्र यानि की सूरज और उसकी परिक्रमा करने वाले ग्रहों के बारे में महत्वपूर्ण बाते जानते है।

Sun 🌞 (सूरज)

दोस्तों सबसे पहले मैं आपको बता दूं कि सूरज एक तारा है जिसके पास अपनी खुद की चमक होती है। अब बात आती है कि तारों के पास चमक कहां से आती है तो यह चमक नाभिकीय संलयन के process से आती है। दूसरे शब्दों में सूर्य की ऊर्जा का source क्या है तो नाभिकीय संलयन ही सूर्य की ऊर्जा का आधार है।

नाभिकीय संलयन क्या है?

जब दो हाइड्रोजन के परमाणु मिलकर हीलियम का निर्माण करते हैं तो इस प्रक्रिया में ढेर सारी ऊर्जा निकलती है और यही सूर्य की असीमित ऊर्जा का कारण है।

नाभिकीय संलयन का process कभी रूकता नही है यह लगातार चलता रहता है तो एक स्टेज ऐसी आती है जब maximum संलयन हो चुका होता है। इस स्टेज को red gaint (रेड दानव) कहते हैं। यह ठीक वैसा ही है जैसे कोयला जलता रहता है और ऊर्जा देता रहता है और एक समय पूरा जलने वाला होता है और उसी समय ये सबसे ज्यादा ऊर्जावान होता है।

सूरज से जुड़े कुछ प्रमुख बिंदु

  • सूरज की ऊर्जा का source – नाभिकीय संलयन
  • सूर्य में हाइड्रोजन का प्रतिशत – 71%
  • सूर्य में हीलियम का प्रतिशत – 26.5%
  • हाइड्रोजन और हीलियम का अनुपात – 3:1
  • ऊर्जा उत्सर्जन की दर – 10^26 joule/sec
  • सूर्य की बाहरी परत का नाम – कोरोना
  • सूर्य की बाहरी परत का ताप – 6000 डिग्री सेंटीग्रेड
  • सूर्य की पृथ्वी से दूरी – लगभग 15 करोड किलोमीटर
  • सूर्य की किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने में लगा समय – 8 मिनट 16 सेकंड
  • सूरज की gravity – पृथ्वी से 28 गुना ज्यादा
  • सूरज की त्रिज्या – पृथ्वी से 109 गुना ज्यादा 
  • सूरज के काले धब्बे क्या होते हैं? – सूरज के काले धब्बे ऐसे स्थान हैं जो प्रकाश उत्सर्जित करने में असमर्थ हैं।

बुध (mercury)

Orbital period (कक्षीय / वार्षिक काल) – 88 दिन (यह वह समय है जो कि बुध ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में लगाता है।)

Rotational period (घूर्णन काल) – 176 दिन (यह वह समय होता है जोकि बुध अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाने में लेता है।)

बुध ग्रह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • सूर्य के सबसे पास का ग्रह।
  • बिना वातावरण व बिना उपग्रह वाला ग्रह।
  • दिन में तापमान बहुत ज्यादा व रात में तापमान बहुत कम इसलिए जीवन की संभावना नहीं।
  • बुध का विशिष्ट गुण यहां पर चुंबकीय क्षेत्र का होना है।

शुक्र (venus)

Orbital period (कक्षीय / वार्षिक काल) – 224 दिन (यह वह समय है जो कि शुक्र ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में लगाता है।)

Rotational period (घूर्णन काल) – 242 दिन (यह वह समय होता है जोकि शुक्र अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाने में लेता है।)

शुक्र ग्रह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • यह सौरमंडल का सबसे ज्यादा चमकीला ग्रह है।
  • शुक्र सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है और अत्यधिक गर्म होने के कारण पीले रंग के तारे की भांति दिखाई देता है।
  • इसे भोर का तारा (morning star) और सांझ का तारा (evening star) भी कहते हैं।
  • इसे पृथ्वी की जुड़वा (twins of the earth) भी कहते हैं, क्योंकि इसका आकार लगभग पृथ्वी जितना है।
  • इसके वायुमंडल में 95%, CO2 है।
  • शुक्र का भी बुध की तरह कोई भी उपग्रह नहीं है।

Note – सारे ग्रह, सूर्य के चारों ओर बामावर्त (West to East) {Trick “WE”} घूमते है, साथ ही अपने अक्ष पर भी बामावर्त घूमते हैं। लेकिन दो ग्रह, शुक्र (venus) और अरुण (uranus) अपनी अक्ष पर दक्षिणावर्त (east to west) घूमते है।

पृथ्वी (Earth) 🌎

Orbital period (कक्षीय / वार्षिक काल) – 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट (यह वह समय है जो कि पृथ्वी ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में लगाती है।)

Rotational period (घूर्णन काल) – 24 hours (यह वह समय होता है जोकि पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाने में लेती है।)

पृथ्वी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।
  • पृथ्वी अपने अक्ष पर 23+1/2 अंश झुकी है।
  • पृथ्वी का अपने अक्ष पर झुकाव व वार्षिक गति (orbital motion) के कारण ऋतु परिवर्तन होता है।
  • पृथ्वी की दैनिक गति (rotational motion) की वजह से दिन रात होते हैं। 
  • पृथ्वी के सर्वाधिक समीप पर ग्रह शुक्र है।
  • पृथ्वी का 71% भाग जल से डूबा हुआ है।
  • पृथ्वी का एक मात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है।
  • पृथ्वी से चंद्रमा का 59% भाग हमें दिखाई देता है।
  • सूर्य से पृथ्वी की न्यूनतम दूरी सूर्य समीपक या उपसौर कहलाती है और यह दिन 3 january को होता है।
  • सूर्य से पृथ्वी की अधिकतम दूरी सूर्य दूरस्थ या अपसौर कहलाती है और यह दिन 4 जुलाई को होता है।
  • उपसौर और अपसौर को मिलाने वाली रेखा एपसाइड रेखा कहलाती है।
  • पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा सूर्य है।
  • सूर्य के बाद पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा प्रॉक्सिमा सेंचुरी है।
  • सर्वाधिक चमकने वाला तारा साइरस (दूसरा नाम लुब्धक या डॉग स्टार) है।
  • पृथ्वी की परिधि को मापने वाला प्रथम व्यक्ति इरेटोस्थनीज है।

मंगल (mars)

Orbital period (कक्षीय / वार्षिक काल) – 687 दिन (यह वह समय है जो कि मंगल ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में लगाता है।)

Rotational period (घूर्णन काल) – 24 घंटे (यह वह समय होता है जोकि मंगल अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाने में लेता है।)

मंगल ग्रह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • इसे लाल ग्रह कहते हैं क्योंकि इसके धरातल पर फेरिक ऑक्साइड पाया जाता है।
  • इसके वायुमंडल में 95% कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य अक्रिय गैसे पाई जाती हैं। 
  • सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिपसमेसी यहीं पर स्थित है।
  • सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत निक्सओलंपिया, जोकि एवरेस्ट से भी 3 गुना ऊंचा है, यहीं पर स्थित है।
  • मंगल ग्रह के 2 उपग्रह हैं। 1. फोबोस 2. डीमोस
  • डीमोस, सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह भी है।

बृहस्पति (jupitar)

Orbital period (कक्षीय / वार्षिक काल) – 12 वर्ष (यह वह समय है जो कि बृहस्पति ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में लगाता है।)

Rotational period (घूर्णन काल) – 10 घंटे (यह वह समय होता है जोकि बृहस्पति अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाने में लेता है।)

बृहस्पति ग्रह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • यह पूरे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
  • इसका रंग पीला है।
  • इसके वायुमंडल में हाइड्रोजन (75%) व हीलियम (24%) है।
  • इसे सौरमंडल का वैक्यूम क्लीनर कहा जाता है क्योंकि यह अपने बड़े आकार के कारण उल्का पिंडों को पृथ्वी से दूर रखता है।
  • इसे मास्टर ऑफ गॉड (master of god) की संज्ञा भी दी गई है।
  • इसे तूफानी ग्रह भी कहते हैं क्योंकि इसके वायुमंडल में बहुत सारे तूफान आते हैं।
  • इसके 79 प्राकृतिक उपग्रह हैं और इसका एक उपग्रह ग्यानीमीड पूरे सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।

शनि (saturn) 🪐

Orbital period (कक्षीय / वार्षिक काल) – 29+1/4 वर्ष (यह वह समय है जो कि शनि ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में लगाता है।)

Rotational period (घूर्णन काल) – 176 दिन (यह वह समय होता है जोकि शनि अपने अक्ष पर एक चक्कर लगाने में लेता है।)

शनि ग्रह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • बृहस्पति के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • इस ग्रह का घनत्व जल से भी कम है यानी कि अगर इस जल पर रखा जाए तो यह तैरने लगेगा।
  • इसके वायुमंडल में भी हाइड्रोजन और हीलियम गैस हैं।
  • इसे काला ग्रह भी कहते हैं।
  • इसके उपग्रहों की संख्या 83 है जो कि सबसे ज्यादा है।
  • शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन हैं जोकि सौरमंडल का दूसरा बड़ा उपग्रह है और यह एकमात्र ऐसा उपग्रह है जिसका वायुमंडल पृथ्वी की तरह सघन है। 
  • इसके चारों ओर स्पष्ट वलय हैं जिनकी संख्या 10 है व rings के ग्रुप की संख्या 7 (D,C,B,A,F,G,E) है इनकी खोज गैलीलियो ने की थीं।

अरूण (uranus)

Orbital period (कक्षीय / वार्षिक काल) – 84 वर्ष (यह वह समय है जो कि अरूण ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में लगाता है।)

अरूण ग्रह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • यह दूरबीन द्वारा पाया जाने वाला पहला ग्रह है।
  • इसे 1781 में पहली बार विलियम हर्शेल ने देखा था।
  • यह solar system का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • यह सौरमंडल का ठंडा ग्रह है।
  • यह अपने अक्ष पर अत्यधिक झुका है इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहते हैं।
  • इसके वायुमंडल में मुख्यता हाइड्रोजन, हीलियम और मेथेन हैं। इसका रंग blue-green है।
  • इसके चारों और अतिशीतित मेथेन का बादल छाया हुआ है। इसके उपग्रहों की संख्या 27 है जिसमें टाइटेनिया सबसे बड़ा ग्रह है।
  • इसके चारों और 11 रिंग पाई जाती है।

वरूण (Neptune)

Orbital period (कक्षीय / वार्षिक काल) – 164 years (यह वह समय है जो कि वरूण ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में लगाता है।)

वरूण ग्रह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • यह ग्रह पृथ्वी के समान रंग यानी कि नीले रंग का है।
  • इसकी खोज 1846 में जर्मन खगोल शास्त्री जोहान गाले ने की थी।
  • यह सूर्य से सबसे दूर स्थित है।
  • इसके वायुमंडल में मुख्यता हाइड्रोजन, हीलियम और मेथेन पाई जाती है।
  • इसके 13 उपग्रह हैं जिसमें ट्राइटन सबसे बड़ा है।
  • इसके 5 वलय हैं।
  • यह सर्वाधिक ठंडा ग्रह है।

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आपने क्या सीखा

उपरोक्त लेख Solar System in Hindi | सौरमण्डल के ग्रहों से जुड़ी पूरी जानकारी, के माध्यम से मैंने आपको solar system Meaning In Hindi, solar system name in hindi, और solar system planets in hindi, solar system drawing in hindi, और solar system information in hindi आदि के बारे में बताया है।

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Gaurav Sahu
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