दोस्तो क्या आपने भी Ganesh Chalisa Lyrics, Ganesh Chalisa PDF Free Download, Ganesh Chalisa Lyrics In Hindi और Ganesh Chalisa Pdf आदि के बारे में Search किया है और आपको निराशा हाथ लगी है ऐसे में आप बहुत सही जगह आ गए है, आइये Shree Ganesh Chalisa, Ganesh Chalisa Lyrics In Hindi Pdf, Shri Ganesh Chalisa और Ganpati Chalisa Download आदि के बारे में बुनियादी बाते जानते है।
दोस्तो जैसा कि हम सभी जानते है कि देवी-देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश भगवान बुद्धि, सफलता, समृद्धि, एक नई शुरुआत और बाधाओं को दूर करने वाले है। ऐसे में उनकी पूजा करने का विशेष महत्व होता है अगर आप भी गणेश जी की पूजा करने के बाद गणेश चालीसा का पाठ करते हैं तो आपको उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी आज के इस लेख में हम आपको Ganesh Chalisha Lyrics और Ganesh Chalisha Pdf के बारे में जानकारी दे रहे हैं तो लेख के अंत तक बने रहे, चलिए शुरू करते हैं।
Table of Contents
Shri Ganesh Chalisa In Hindi Pdf | श्री गणेश चालीसा पीडीएफ
Ganesh Chalisa Lyrics
जय
गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।
विघ्न
हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥
जय
जय जय गणपति राजू। मंगल भरण करण शुभ काजू॥
जय
गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक बुद्धि विधाता॥
वक्र
तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन। तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥
राजित
मणि मुक्तन उर माला। स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥
पुस्तक
पाणि कुठार त्रिशूलं। मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥
सुन्दर
पीताम्बर तन साजित। चरण पादुका मुनि मन राजित॥
धनि
शिवसुवन षडानन भ्राता। गौरी ललन विश्व-विधाता॥
ऋद्धि
सिद्धि तव चँवर डुलावे। मूषक वाहन सोहत द्वारे॥
कहौ
जन्म शुभ कथा तुम्हारी। अति शुचि पावन मंगल कारी॥
एक
समय गिरिराज कुमारी। पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥
भयो
यज्ञ जब पूर्ण अनूपा। तब पहुंच्यो तुम धरि द्विज रूपा।
अतिथि
जानि कै गौरी सुखारी। बहु विधि सेवा करी तुम्हारी॥
अति
प्रसन्न ह्वै तुम वर दीन्हा। मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥
मिलहि
पुत्र तुहि बुद्धि विशाला। बिना गर्भ धारण यहि काला॥
गणनायक
गुण ज्ञान निधाना। पूजित प्रथम रूप भगवाना॥
अस
कहि अन्तर्धान रूप ह्वै। पलना पर बालक स्वरूप ह्वै॥
बनि
शिशु रुदन जबहि तुम ठाना। लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना॥
सकल
मगन सुख मंगल गावहिं। नभ ते सुरन सुमन वर्षावहिं॥
शम्भु
उमा बहुदान लुटावहिं। सुर मुनि जन सुत देखन आवहिं॥
लखि
अति आनन्द मंगल साजा। देखन भी आए शनि राजा॥
निज
अवगुण गुनि शनि मन माहीं। बालक देखन चाहत नाहीं॥
गिरजा
कछु मन भेद बढ़ायो। उत्सव मोर न शनि तुहि भायो॥
कहन
लगे शनि मन सकुचाई। का करिहौ शिशु मोहि दिखाई॥
नहिं
विश्वास उमा कर भयऊ। शनि सों बालक देखन कह्यऊ॥
पड़तहिं
शनि दृग कोण प्रकाशा। बालक शिर उड़ि गयो आकाशा॥
गिरजा
गिरीं विकल ह्वै धरणी। सो दुख दशा गयो नहिं वरणी॥
हाहाकार
मच्यो कैलाशा। शनि कीन्ह्यों लखि सुत को नाशा॥
तुरत
गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधाए। काटि चक्र सो गज शिर लाए॥
बालक
के धड़ ऊपर धारयो। प्राण मन्त्र पढ़ शंकर डारयो॥
नाम
गणेश शम्भु तब कीन्हे। प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे॥
बुद्धि
परीक्षा जब शिव कीन्हा। पृथ्वी की प्रदक्षिणा लीन्हा॥
चले
षडानन भरमि भुलाई। रची बैठ तुम बुद्धि उपाई॥
चरण
मातु-पितु के धर लीन्हें। तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥
धनि
गणेश कहि शिव हिय हरषे। नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥
तुम्हरी
महिमा बुद्धि बड़ाई। शेष सहस मुख सकै न गाई॥
मैं
मति हीन मलीन दुखारी। करहुँ कौन बिधि विनय तुम्हारी॥
भजत
रामसुन्दर प्रभुदासा। लख प्रयाग ककरा दुर्वासा॥
अब
प्रभु दया दीन पर कीजै। अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥
दोहा
श्री
गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान।
नित
नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥
सम्वत्
अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण
चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥
Ganesh Chalisa PDF Free Download
दोस्तो शिवपुराण में भगवान श्री गणेश के जन्म लेकर एक प्रचलित कथा है। इस कथा के अनुसार, माता पार्वती ने एकबार अपने शरीर पर मैल हटाने के लिए हल्दी लगाई थी। इसके बाद जब उन्होंने हल्दी उबटन उतारी तो उससे एक पुतला बना दिया और फिर उसमें प्राण डाल दिए। इस तरह भगवान गणपति का जन्म हुआ। इसके उपरांत माता पार्वती ने गणेश जी को द्वार पर बैठने का आदेश दिया ताकि उनके स्नान के वक्त कोई भी अंदर ना आ पाए।
कुछ समय बाद भगवान शिव आए तो गणेशजी ने अंदर जाने नहीं
दिया और विवाद शुरू हो गया। इससे शिवजी को क्रोध आ गया और विवाद ने युद्ध का रूप
धारण कर लिया। युद्ध में शिवजी ने गणेशजी का सिर काट दिया। पार्वती जब बाहर आईं तो
यह देखकर रोने लगीं। तब भगवान शिव ने गरूड़जी से कहा कि उत्तर दिशा की तरफ जाओ और
जो भी मां अपने बच्चे की तरफ से पीठ करते सोई हो, उस
बच्चे का सिर ले आना। तब गरूड़जी को हाथी के बच्चे का सिर दिखाई दिया और वह उसे ले
जाकर शिवजी को दे दिया। शिवजी ने सिर को शरीर से जोड़ दिया और प्राण डाल दिए। इस
तरह गणेश भगवान को हाथी का सिर लगा।
Ganesh
Chalisa PDF Free Download :- ऐसे जन्मे भगवान श्री गणेश की चालीसा का पीडीएफ Download करने से संबंधित जानकारी हमने पेज के Last में दी है तो लेख के अंत तक बने रहें।
Ganesh Chalisa Lyrics In Hindi
दोस्तो
गणेश भगवान की महिमा से तो सभी परिचित हैं और गणेश जी के कुछ नामों को तो सब जानते
हैं लेकिन आज हम आपको ऐसे 12
नाम बता रहे हैं जो कि अत्यधिक प्रसिद्ध
हैं और इनका जाप करने से सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।
1. सुमुख
2. एकदंत
3. कपिल
4. गजकर्ण
5. लंबोदर
6. विकट
7. विघ्नविनाशक
8. विनायक
9. धूम्रकेतु
10. गणाध्यक्ष
11. भालचन्द्र
12. गजानन।
Ganesh
Chalisa Lyrics Download In Hindi :- Ganesh Chalisa Lyrics को डाउनलोड करने से संबंधित जानकारी
आपको इस Page के Last लास्ट में मिलेगी।
Ganpati Chalisa Download
दोस्तों
आपने भगवान के लिए बनाए गए प्रसाद तुलसी के पत्तों को जरूर देखा होगा लेकिन ऐसा
कहा भी जाता है कि अगर किसी भोग में तुलसी के पत्ते ना हो तो भगवान उसको को
स्वीकार नहीं करते हैं लेकिन क्या आपको पता है, एक
देव ऐसे हैं जिनके भोग में तुलसी के पत्ते वर्जित है। उन देव का नाम है श्री गणेश
भगवान। इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है जिसके मुताबिक भगवान गणेश को पवित्र
तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए।
एक
बार प्रथम पूज्य गणेश गंगा किनारे तप में लीन थे। इसी दौरान देवी तुलसी वहां
पहुंची। वह गणेश को देखकर मोहित हो गई। तुलसी ने विवाह की कामना से उनका ध्यान भंग
कर दिया। तब भगवान गणेश क्रोधित हो गए और इस तरह के कृत्य को अशोभनीय बताया। साथ
ही तुलसी की शादी की मंशा जानकर स्वयं को ब्रह्मचारी बताकर उससे शादी के प्रस्ताव
को नकार दिया।
इस
बात से दुखी होकर तुलसी ने भगवान गणेश को दो विवाह होने का शाप दे दिया। इस पर
भगवान गणेश ने भी तुलसी को शाप दे दिया कि तुम्हारी शादी असुर से होगी।
ऐसा
शाप सुनकर तुलसी ने भगवान गणेश से माफी मांगी। तब भगवान गणेश ने तुलसी से कहा कि
तुम पर असुरों का साया तो होगा,
लेकिन तुम भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को
प्रिय होगी। कलयुग में तुम्हें पूजा जाएगा। तुम देववृक्ष के रूप में जीवन और मोक्ष
देने वाली होगी लेकिन मेरी पूजा में तुलसी का चढ़ाना शुभ नहीं माना जाएगा।
Ganpati
Chalisa Download In Hindi - गणपति चालीसा को डाउनलोड करने से संबंधित जानकारी आपको Page के लास्ट में मिलेगी।
Shri Ganesh Chalisa
गणेश
जी का रूप अपने आप में एक महान संदेश को लोगों के साथ साझा करता है आइए इसके बारे
में समझने की कोशिश करते हैं।
1. गणेशजी की पूजा हाथी के सिर वाले भगवान
के रूप में होती है। भगवान गणेश का बड़ा सिर ज्ञान का प्रतीक है। यह हमें अधिक
ज्ञान को समझना और जीवन की बेहतर समझ रखने के लिए बड़ा सोचना सिखाता है।
2. गणेशजी का बड़ा पेट उदारता और संपूर्ण
स्वीकार को दर्शाता है।
3. गणेशजी एकदन्त हैं, जिसका अर्थ है एकाग्रता।
4. वे अपने हाथों में अंकुश लिए हैं, जिसका अर्थ है – जागृत होना और पाश – अर्थात नियंत्रण।
5. किसी भी मंगल और अहम काम को हिंदू
संस्कृति में भगवान गणेश की स्तुति के साथ शुरु करने का विधान है।
Shri
Ganesh Chalisa Kaise Download Kare - श्री गणेश चालीसा को डाउनलोड करने से संबंधित जानकारी हमने इस
पेज के लास्ट में भी है।
Ganesh Chalisa Pdf Download Kaise Kare?
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आपने क्या सीखा
उपरोक्त
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