बेरोजगारी क्या है | बेरोजगारी पर निबंध | Unemployment Of India In Hindi, नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक बार फिर हमारे Website Be RoBoCo में, आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भारत से जुड़ी एक वीभत्स समस्या के बारे में पूरी जानकारी लेकर जिसे हम Unemployment Of India In Hindi के नाम से जानते हैं।
आज के समय मे Unemployment ना केवल भारत की बल्कि पूरे World की एक बहुत गंभीर समस्या है और भारत प्रभावी तौर पर इस समस्या का सामना कर रहा है क्योंकि लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण Job की Demands भी बढ़ गई है।
दोस्तो क्या आपने भी Bekari In Hindi, बेरोजगारी पर निबंध, What Is Unemployment In Hindi और Bekari Kya Hoti Hai आदि के बारे में Search किया है और आपको निराशा हाथ लगी है ऐसे में आप बहुत सही जगह आ गए है, आइये Berojgari Kise Kahate Hain, Essay On Berojgari In Hindi, रोजगार पर निबंध और India Unemployment Rate In Hindi आदि के बारे में बुनियादी बाते जानते है।
Table of Contents
बेरोजगारी क्या है | बेरोजगारी पर निबंध | Unemployment Of India In Hindi
बेरोजगारी क्या है (What Is Unemployment In Hindi)
दोस्तो Unemployment एक ऐसी स्थिति है जिसमें कार्य करने वाली जनशक्ति ज्यादा हो और काम करने के लिए राजी भी हो परंतु उसे प्रचलित मजदूरी दर पर कार्य नहीं मिल पाता हो।
Types Of Unemployment In India In Hindi (बेरोजगारी के प्रकार)
Unemployment के कई प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित है।
1. संरचनात्मक बेरोजगारी
आर्थिक विकास होने पर नए - नए उद्योग विकसित होते हैं जिससे बाजार प्रतियोगिता में वृद्धि होती है इस प्रतियोगिता का सामना न कर पाने के कारण कुछ उद्योग बंद हो जाते हैं जिसकी वजह से उनमें लगे कामगार बेरोजगार हो जाते हैं इस प्रकार की बेरोजगारी को ही हम संरचनात्मक बेरोजगारी कहते हैं।
2. घर्षणात्मक बेरोजगारी
बाजार की दशाओं यानि कि डिमांड और सप्लाई में परिवर्तन होने से उत्पन्न बेरोजगारी को घर्षणात्मक बेरोजगारी कहते हैं।उदाहरण के तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद युद्ध कालीन उद्योगो की मांग में कमी आ जाने कारण उद्योग बंद कर दिए गए जिससे उसमें लगे कामगार बेरोजगार हो गए।
3. शिक्षित बेरोजगारी
यह एक ऐसी बेरोजगारी जिसमें शिक्षित व्यक्ति को उसकी योग्यता अनुसार काम नहीं मिलता है और वह बेरोजगारी से ग्रसित हो जाता है।
4. खुली बेरोजगारी
यह बेरोजगारी का सर्वाधिक वीभत्स रूप है जिसमें श्रमिकों को काम किए बिना ही रहना पड़ता है उन्हें थोड़ा काम भी नहीं मिल पाता है।
5. अदृश्य बेरोजगारी
इसको बहुत सारे लोग छिपी हुई बेरोजगारी या प्रच्छन्न बेरोजगारी के नाम से भी जानते है।
जब किसी कार्य को करने में आवश्यकता से अधिक श्रमिक लगे होते हैं और इन अधिक। श्रमिकों की सीमांत उत्पादकता जीरो है तो इसे हम अदृश्य बेरोजगारी कहते हैं। इसका सर्वप्रथम उल्लेख जॉन रॉबिंसन ने किया था और यह अधिकतर भारतीय कृषि क्षेत्र में व्याप्त है।
6. मौसमी बेरोजगारी
यह मुख्यता कृषि में पाई जाती है क्योंकि कृषि क्षेत्र में लगभग 7 से 9 महीने ही श्रम की आवश्यकता होती है इस प्रकार वर्ष के शेष महीनों में वहां के श्रमिक बेरोजगार का सामना करते हैं जैसे आइसक्रीम, गन्ना रस और रजाई के व्यापारी
7. सामान्य बेरोजगारी
बेरोजगारी जहां व्यक्ति प्रचलित मजदूरी दर पर कार्य करने को तैयार है लेकिन कार्य ना मिले, सामान्य बेरोजगारी कहलाती है।
बेरोजगारी का मापन
भगवती कमेटी की सिफारिश पर 1970 में NSSO ने बेरोजगारी मापन के 3 तरीके प्रस्तुत किए।
1. दीर्घकालिक बेरोजगारी
1 वर्ष में 183 दिन * 8 घंटे काम नहीं मिल रहा है तो उसे दीर्घकालिक बेरोजगारी कहा जाएगा।
2. साप्ताहिक बेरोजगारी
एक हफ्ते में एक दिन यानी कि 8 घंटे काम ना मिले तो उसे सप्ताहिक बेरोजगारी कहा जाएगा।
3. दैनिक बेरोजगारी
1 दिन में 4 घंटे का काम ना मिले तो उसे दैनिक बेरोजगारी कहा जाएगा।
Reasons For Unemployment In India (बेरोजगारी के कारण)
दोस्तो India में Unemployment के अनेक कारण है जिनमे से कुछ प्रमुख कारण निम्न है।
1. मशीनों का अंधाधुंध प्रयोग बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण है समय के साथ टेक्नोलॉजी विकसित हुई है जिसकी वजह से बहुत सारी Man Power के द्वारा किया जाने वाला काम आज मशीनों के द्वारा ही पूरा हो जाता है।
2. Population का अत्यधिक बढ़ जाना भी बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है। Population बहुत तेजी से बढ़ रही है लेकिन संसाधनों का विकास उतनी तेजी से नही हो पा रहा है जिसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।
3. भारत में व्याप्त अशिक्षा भी बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है। आज हमारे देश की शिक्षा प्रणाली सैद्धांतिक पहलुओं पर ज्यादा जोर देती है जबकि व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान नहीं देती है जिसकी वजह से व्यक्ति शिक्षित तो हो जाता है लेकिन कुशल और प्रशिक्षित नहीं बन पाता है।
Consequences Of Unemployment (बेरोजगारी के परिणाम)
Unemployment के कारण एक व्यक्ति विशेष को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और यह स्थिति और भी ज्यादा भयानक तब हो जाती है जब अत्यधिक Educated Person Sweeper का काम करने को मजबूर हो जाता है।
Unemployment के कुछ प्रमुख परिणामो को मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ।
1. कार्य करने के योग्य व्यक्ति को जब कोई काम नही मिलता है तो उनका श्रम बेकार चला जाता है इस तरह से बहुत से बेरोजगारों की श्रम शक्ति का उपयोग नहीं हो पाता है यानि कि Man Power होते हुए भी संसाधनों के अभाव में देश उस Man Power को उपयोग में नही ला पाता है।
2. दोस्तो जैसा कि मैंने ऊपर बताया है कि कृषि में निहित बेरोजगारी यानि कि मौसमी बेरोजगारी की वजह से बचत शून्य हो जाती है क्योंकि आय ही ज्यादा नही होती है और जो भी बचत होती है उसे बेरोजगारी के समय दैनिक खर्च में उपयोग कर लिया जाता है। जिसकी वजह से पूंजी का निर्माण और विनियोग नहीं हो पाता है इससे देश के आर्थिक विकास में रुकावट आती है।
3. बेरोजगारी एक व्यक्ति के अंदर मानसिक और सामाजिक असंतोष को पैदा करती है जब एक बेरोजगार असंतुष्ट और अभावग्रस्त हो जाता है तो समाज मे चोरी, डकैती, बेईमानी और नशा जैसी बुराइयाँ जन्म लेती हैं।
4. दोस्तो बेरोजगारी के कारण एक बड़ा जनसमूह सरकार के विरुद्ध हो जाता है उनमें असंतोष और आक्रोश उत्पन्न हो जाता है यह स्थिति राजनैतिक अस्थिरता को जन्म देती है।
India Unemployment Rate In Hindi
दोस्तो भारत मे Unemployment के आंकड़े CMIE (Centre For Monitoring Indian Economy) के द्वारा जारी किए जाते है। CMIE के द्वारा जारी आंकड़ो से पता चलता है कि भारत मे Unemployment Rate 8 Aug 2021 तक 7.2% है जबकि शहरी Area में यह 8.6% है और ग्रामीण Area में यह 6.6% है।
कोरोना काल मे Lockdown के दौरान यह Double Digit यानि कि 23.52% तक पहुंच गई थी।
Unemployment को Control कैसे करें
बेरोजगारी को Control करने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने होंगे क्योंकि इस प्रकार हैं।
1. बेरोजगारी को Control करने के लिए सर्वप्रथम जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाना होगा।
2. ऐसे संस्थानों की संख्या बढ़ानी होगी जो कि लोगों को कुछ स्किल सिखा कर व उनको निजी रोजगार के लिए प्रशिक्षित कर सकें।
3. शिक्षा प्रणाली में बदलाव करके भी हम कुछ हद तक बेरोजगारी की समस्या को Control कर सकते हैं।
4. कुटीर उद्योग धंधों को बढ़ावा देकर, उनके लिए धन प्रदान करके गांव में व्याप्त रोजगारी को खत्म किया जा सकता है। इसके साथ ही सरकार को उचित मूल्य पर तैयार माल खरीदने की गारंटी भी देनी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उद्योग धंधों से जुड़े।
Unemployment FAQs
भारत में बेरोजगारी की समस्या क्यों है?
अधिक जनसंख्या और उचित कौशल की
कमी के कारण भारत में बेरोजगारी की समस्या है।
भारत में कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?
भारत जैसे विकासशील देशो में
मौसमी बेरोजगारी (Seasonal
Unemployment), प्रच्छन्न
बेरोजगारी (Disguised
Unemployment) और संरचनात्मक बेरोजगारी (Structural Unemployment) पाई जाते है।
विकसित देशों में किस प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है?
विकसित देशो में मुख्य रूप से
चक्रीय बेरोजगारी (Cyclical Unemployment), प्रतिरोधात्मक
या घर्षण जनित बेरोजगारी (Frictional Unemployment) पायी
जाती है
ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यता कौन सी बेरोजगारी पाई जाती है?
मौसमी बेरोजगारी (Seasonal
Unemployment)
आपने क्या सीखा
उपरोक्त लेख बेरोजगारी क्या है / बेरोजगारी पर निबंध / Unemployment Of India In Hindi 2021 के माध्यम से मैंने आपको बताया है कि Unemployment क्या होता है, Unemployment के क्या परिणाम होते हैं, Unemployment कितने प्रकार का होता है Unemployment का मापन कैसे करते हैं और Unemployment को Control में लाने के लिए क्या किया जाए, Berojgari In Hindi आदि के बारे में।
मुझे उम्मीद है आपको यह जानकारी बहुत पसंद आई होगी अगर आपका अभी भी कोई भी Doubt या सुझाव है तो हमें कमेंट पर जरूर बताएं। लेख के अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद।
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