हम इस लेख में Farmers Protest News Today, Kisan Protest In Punjab, Farmers Protest Reason, Punjab Farmer Protest, Farmer Strike In Punjab इन सबके बारे में Details में बात करेंगे। कोई भी आंदोलन एक दिन में बड़ा रूप नहीं लेता है उसके पीछे कोई न कोई बड़ी वजह जरुर होती है, आइये जानते है।
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FARMER'S PROTEST RIGHT है या WRONG?
2016 में मोदी सरकार ने बोला कि हम 2022 तक किसानो कि आमदनी को दुगना कर देंगे और इसके लिए उन्होंने हाल में ही 3 बिल पास किये है जिनका उद्देश्य किसानो की आमदनी को दुगना करना है, पर जब से बिल आये है किसान बिल का विरोध कर रहे है, तो यहाँ पर सोचने वाली बात यह कि अगर वाकई में किसी इंसान कि आमदनी दुगनी हो
रही हो तो वो आन्दोलन करेगा क्या ?
एक किसान का व्ययसाय खेती है और वो इसी व्यवसाय के आधार पर अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के बारे में सोचता है जैसे अपने बेटा ,बेटी की पढाई, शादी आदि का खर्च और भी बहुत कुछ।
हमारे भारत में लगभग 75% किसान ऐसा है जिसके पास 2 या 3 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन नहीं है,सरकार द्वारा यह बोला गया कि हम MSP(Minimum Support Price) न्यूनतम समर्थन मूल्य को तय कर देंगे, जब किसान अपनी फसल को मंडी में बेचने जायेगा तो उसको एक निश्चित मूल्य मिलेगा।
लेकिन मंडी के अधिकारियों के भ्रष्टाचार और बीच के बिचौलिये के कारण उसको अपनी
फसल का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है, अब क्युकी फसल तो तैयार हो चुकी है,तो किसान उसे घर पर तो
रखेगा नही इसीलिए वह कम दामो में अपनी फसल को बेचने के लिए मजबूर है, किसानों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। (मात्र 10%
किसान ऐसे है जो MSP पर अपनी फसल को बेच
रहे है)
अब आप लोग बताये कि
कोई काम किसलिए किया जाता है, अगर मै गलत नही हूँ तो
मुनाफे के लिए, अब किसान जिसने अपनी फसल को MSP से भी कम दाम में बेचा है वो क्या करेगा, उसने ब्याज पर पैसे
लिए थे उसके ऊपर पूरे घर की मूलभूत जरुरतो को पूरा करने की जिम्मेदारी थी।उसके पास
अंततः दो रास्ते है।
- आत्महत्या
- व्ययसाय बदलना
किसी काम को नए सिरे
से शुरु करना अपने आप मे एक बड़ी बात है, तो बहुत सारे किसान
भाई पहले रास्ते को अपनाकर अपनी जिम्मेदारियों को खत्म कर लेते है, और इस बात का मुझे नही लगता कि आपको प्रमाण देने की जरूरत है।
बिलों कि व्याख्या
अब हमारी सरकार ने
क्या किया बिल No1 पास किया जिसका नाम Farmer Produce Trade And Commerce है जिसके अनुसार किसान अपनी फसल को पूरे भारत मे कही भी बेच सकता है लेकिन
परिवहन का खर्चा वह खुद उठाएगा, क्या ये किसान के लिए
फायदे का सौदा है? साथ ही सरकार का कहना
है कि वो मंडी को खत्म कर देगी जिससे बीच के बिचोलिये हट जाएंगे।
अब बात करते है बिल No 2 जिसका नाम Farmers Agreement On Price Assurance And Farm
Services Act,2020 है जिसके अनुसार कोई
बड़ी प्राइवेट कंपनी आकर किसानो के साथ Contract करेगी उनकी फसल का वो
भी सरकार द्वारा तय Msp से ज्यादा रेट पर, तो यहां किसानों को क्या समस्या है,आइये बताता हूं।
- अगर उन्होंने फसल में कोई कमी निकाल दी तो??
- पैसा नही दिया तो??
तो क्या किसान कोर्ट
जाएगा ? नही बिल्कुल नही क्योंकि इस Contract में इस कोई प्रावधान नही है तो वो क्या करेगा वो Dm, Sdm के पास जा सकता है बस। तो आपको क्या लगता है वो कितने चक्कर लगाएगा अधिकारियों
के, और सबसे जरूरी बात क्या गारंटी है कि किसान की बात सुनी जाएगी ?
अब बात करते हैं बिल No•3 जिसका नाम The
Essential Commodities Amendment Act 2020 है जिसके अनुसार आप फसल का ढेर सारा स्टॉक अपने पास रख सकते हो, कोई प्राइवेट कंपनी जिसके पास पैसा है वो किसी एक चीज़ का बहुत बड़ा स्टॉक अपने
पास रख लेगी और फिर अपने हिसाब से दामो को तय करेगी, जिससे बाजार में उस कंपनी का प्रभुत्व आ जायेगा।
जहाँ तक मुझे लगता है
कि दूसरे बिल से किसानों का फायदा हो सकता है लेकिन उसमे सरकार का बीच मे होना
जरूरी हैं, हालांकि कुछ लोगो ने अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों को भड़काया
भी है,यह कहकर की आपकी जमीन आपसे छीन ली
जाएगी लेकिन इन बिलो में ऐसा कुछ भी नही है।
अंततः मेरा मानना है
कि हमे अपने किसान भाइयों का साथ देना चाहिए क्युकी हम चाहे जितने
डिजिटल हो जाये रोटी गूगल से डाउनलोड नही होगी।
अगर आपको मेरे विचार पसंद आये हो और आपका कोई विचार हो, जिससे किसानों का हित हो तो कृपया कमेंट करके बताये।
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